फिरोजाबाद: तीन दिन से लापता बच्चे ट्रेन से सकुशल बरामद

-बच्चों को पाकर खिले परिजनों के चेहरे
-घर के बाहर खेलते समय हुए थे लापता

फिरोजाबाद। घर के बाहर खेलते समस लापता हुए चार बच्चों की जानकारी के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वहीं, परिजनों का रोकृरोकर बुरा हाल हो गया। तीन दिन बाद लापता बच्चे टूंडला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतारा गया। बच्चों को जीआरपी टूंडला और फिरोजाबाद पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द कर दिया। बच्चों को पाकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

थाना नगला खंगर क्षेत्र के गांव नगला फतेह निवासी संजू पुत्र राजपाल सिंह ने बताया कि 7 जुलाई को वह पत्नी के साथ मेहनत मजदूरी करने के लिए गया था। घर पर चार बच्चे जिनमें 12 वर्षीय कृपा, 8 वर्षीय सागर, 5 वर्षीय राजनंदनी और 3 वर्षीय मंजू को घर छोड़ गए थे। शाम को जब वह वापस घर पहुंचे तो चारों बच्चे घर नहीं मिले। उसके बाद बच्चों की तलाश की गई लेकिन उनकी जानकारी नहीं हो सकी। काफी खोजबीन करने के बाद भी जब बच्चों का पता नहीं लगा तो संजू ने आठ जुलाई को थाना नगला खंगर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बच्चों की तलाश में पुलिस ने काफी जगह जांच पड़ताल की लेकिन बच्चों का कहीं कोई सुराग नहीं लगा। बच्चों के फोटो लगे पोस्टर सोशल मीडिया पर डाले गए।

एसपी ग्रामीण रणविजय ने बच्चों की तलाश के लिए 8 टीमें गठित कीं। सोमवार को इटावा पैसेंजर में यात्रा करने वाले यात्री संजय ने बच्चों के ट्रेन में होने की जानकारी पुलिस को दी। टूंडला रेलवे स्टेशन पर चारों बच्चों को जीआरपी टूंडला और नगला खंगर पुलिस ने उतार लिए। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वह ऐसे ही किसी वाहन में बैठकर इटावा चले गए थे। जहां वह रास्ता भटक गए। वहां उन्होंने भींख मांगकर पेट भरा। उसके बाद इटावा रेलवे स्टेशन पर जाकर वह ट्रेन में बैठ गए थे। जहां से पुलिस उन्हें अपने साथ ले आई। बच्चों को पाकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

praveen upadhyay
praveen upadhyay

शालू एक उत्साही और समर्पित पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी ताजगी और नवाचार के लिए पहचानी जाती हैं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी और संवेदनशील रिपोर्टिंग की है। शालू की लेखनी की विशेषता उनकी संवेदनशील दृष्टिकोण और सटीक तथ्यों की प्रस्तुति है, जो पाठकों को घटनाओं की वास्तविकता से रूबरू कराती है।

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