फिरोजाबाद। दाऊदयाल महिला महाविद्यालय में हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर रेनू वर्मा ने माॅॅ शारदे के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया। तत्पश्चात छायावादी स्तंभ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित सरस्वती वंदना की मोहक प्रस्तुति से छात्राओं ने कार्यक्रम को गति प्रदान की। इस अवसर पर स्नातक एवं परास्नातक की छात्राओं ने भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से ’वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी की विकास यात्रा में उसकी दिशा और दशा’ पर प्रकाश डालते हुए हिंदी में विविध रोजगार परक शिक्षा तथा उसमें निहित सांस्कृतिक जीवन मूल्य को उजागर किया। साथ ही छात्राओं ने हिंदी के विविध छंदो जैसे दोहा, चैपाई, गीत तथा कविता इत्यादि के माध्यम से हिंदी के प्रति अपने उद्गार व्यक्त किये।
विभाग की अध्यक्षा डॉ छाया वाजपेई ने कहा कि आज हिंदी भाषा अपने खोए हुए स्वरूप को पाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ माधवी सिंह ने हिंदी की वैश्विक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी सिनेमा और विज्ञापन ने हिंदी को वैश्विक स्तर पर वृहद् पहचान दिलाई है और रोजगार की विपुल संभावनाएं उत्सर्जित की हैं। डॉ नम्रता निश्चल त्रिपाठी ने तुलसी के मानस ग्रन्थ को हिंदू संस्कृति का प्रतिरूप कहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्राचार्या प्रोफेसर रेनू वर्मा ने राजभाषा हिंदी के बढ़ते चरण और उसके प्रभाव से छात्राओं को अवगत कराया तथा कार्यक्रम की सफलता पर हर्ष प्रकट करते हुए हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ अंजु गोयल ने किया। इस दौरान डॉक्टर प्रिया सिंह, डॉ गरिमा सिंह सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।