शिकोहाबाद। मेडिकल लाइन के माफिया लोगों की सेहद से भी खिलबाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। बाजार में 10 नकली और 22 दवाओं में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट पाये जाने के बाद शासन ने सभी 32 दवाओं को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन दवाओं को बाजार में बिकने पर रोक लगाने के लिए सभी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
क्षेत्रीय आयुर्वेद यूनानी अधिकारी डॉ. शरद वर्मा ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं में कई बीमारियों में उपयोग की जाने वाली लिवर की प्रचलित दवा लिव 52 भी शामिल है। इस दवा में मंडूर भस्म व दारुहरिद्रा का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। अनेक दवाओं में प्रेनिसोलोन व बीटामेथासोन नामक स्टेरायड, दर्द निवारक आइबोप्रोफेन व डाइक्लोफिनेक मधुमेह की दवा ग्लीम्पैराइड व योन उत्तेजना की दवा सिलिडिनाफिल का अपमिश्रण पाया गया है।
उन्होंने बताया कि निदेशक आयुर्वेद सेवाएं ने क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिये हैं कि प्रदेश भर में इन दवाओं के उत्पादन, परिवहन एवं बिक्री पर रोक लगाई जाए। इन दवाओं को तत्काल जब्त कर नष्ट कराया जाए। क्षेत्रीय आयुर्वेद यूनानी अधिकारी डॉ. शरद वर्मा ने बताया कि जनपद में आयुर्वेद की प्रतिबंधित 32 दवाओं को नहीं बिकने दिया जायेगा। अगर कोई दवा विक्रेता प्रतिबंधित दवाओं को बेचता पाया जायेगा, उस पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।