फिरोजाबाद: संस्कृत भाषा में संभाषण, गीत व हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

-आकर्षण का केंद्र रही प्रदर्शनी, कार्यक्रम में पुरुस्कृत हुए सरल संस्कृत परीक्षा के विजयी प्रतिभागी

फिरोजाबाद। संस्कार भारती चंद्रनगर के तत्वावधान में रविवार को नगर के स्वामी बच्चू बाबा सरस्वती विद्या मंदिर में वस्तु प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक गीत एवं संस्कृत भाषा में संभाषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व में कराई गई सरल संस्कृत परीक्षा के विजय प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम का शुभारम मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्प अर्पण किया कर किया गया। कार्यक्रम में आए हुए अतिथि बंधु एवं आभिभावक बंधुओं ने इस प्रदर्शनी का आनंद लिया। जिसमें बच्चों द्वारा विविध प्रकार की कलाओं का परिचय सहज ही झलक रहा था। इसी श्रृंखला में विद्यालय के प्रधानाचार्य आरपी सिंह ने आए हुए सभी अतिथि बंधुओं का परिचय व सम्मान पीत पट्टिका पहनाकर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ मां शारदे की वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने संस्कृत भाषा में बड़े ही मधुर गीत प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की मनमोहक व हृदयस्पर्शी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम के दौरान पूर्व में संस्कार भारती द्वारा आयोजित सरल संस्कृत परीक्षा की विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों ने पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर नरेंद्र भागीरथी ने कहा कि संस्कृत भाषा वैदिक और दिव्य भाषा है। यह अनादि काल से हमारे विश्व में अपनी एक अनूठी पहचान बनाए हुए हैं। आज भी विविध पुण्य कार्यक्रमों में संस्कृत भाषा का ही प्रयोग किया जाता है। वह बात अलग है कि आज के इस वर्तमान दौर में संस्कृत भाषा का महत्व लोगों की विचारधारा के कारण थोड़ा प्रभावित हुआ है लेकिन वास्तविकता यही है कि हमारी संस्कृत भाषा विश्व की सबसे अनोखी और प्रभावपूर्ण भाषा है। जो कि हमारी संस्कृति का प्रमुख हिस्सा है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत भारती के प्रांतीय पालक हरि शंकर, विशिष्ट अतिथि अजीत उपाध्याय एसडीओ विद्युत विभाग, कार्यक्रम अध्यक्ष शीलमणि शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर तुलसी देवी व संस्कृति भारती के संगठन मंत्री डॉ नरेंद्र भागीरथी एवं मुख्य वक्ता, डॉ श्याम चरण उपाध्याय, गौरव गौतम, विनोद तिवारी, दुर्गेश कुमार, ललित मोहन सक्सैना आदि मौजूद रहे। संचालन संस्कार भारती के विभाग संयोजक एवं कार्यक्रम संयोजक संजीव कुमार तिवारी ने किया।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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