शिकोहाबाद: अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में गांधीवादी विचारधारा को बताया सही

शिकोहाबाद। पालीवाल महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं अहिंसा फाऊंडेशन अलीगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में एक वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा एवं पर्यावरण पर समकालीन विमर्श के परिप्रेक्ष्य में गांधीवादी विचारधारा का अध्ययन’ नामक विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार रखें।

आयोजक सचिव डॉ.एमपी सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मनाए जाने वाले गांधी जयंती के अलावा जी-20 प्रेसीडेंसी ऑफ इंडिया तथा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में यह वेबीनार आयोजित की गई। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत की कल्पना की गई है। जिसको साकार करने हेतु कई तरह के आयोजन किये जा रहे हैं। गांधी का पर्यावरण पर विशेष योगदान रहा। वह भी स्वच्छ पर्यावरण के संरक्षक थे। प्रथम वक्ता के रूप में कानपुर आईआईटी से मोहम्मद कामिल वकील ने गांधी के स्वराज और सर्वोदय को विस्तार पूर्वक समझाया।

प्रोफेसर वीरपाल सिंह यादव ने विनोबा भाबे, प्लेटो, सुकरात अरस्तु आदि के नाम लेकर गांधी दर्शन को समझाया। शिक्षा के संदर्भ में गांधी के विचारों की वकालत की। डॉ. दीप्ति शर्मा ने गांधी की विचारधारा की प्रासंगिकता विषय पर शिक्षा के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि गांधी जी चाहते थे कि कोई भी वर्ग शिक्षा से वंचित न रहे। सभी स्वच्छ पर्यावरण में अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। इस अवसर पर अहिंसा फाऊंडेशन के सरदार दलजीत सिंह ने भी विचार रखे। संचालन डॉ. टीएच नकवी ने किया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रवीण कुमार ने आभार जताया।

डॉ. माजिद अहमद, डॉ. सीमा सोनी, डॉ. सुषमा सैनी, डॉ. प्रियंका जैन, डॉ. अजय त्यागी, डॉ. अनामिका वर्मा, डॉ. दर्शना कुमारी, डॉ. नीलम, डॉ. प्रीति कुमारी, डॉ. आनंद मिलन आदि शिक्षकों के अलावा अंशिका त्रिपाठी, प्रिया कुमारी, सोनी कुमारी, प्रियंका राजपूत, अमित सिंह, ईश्वर, .अर्पित मिश्रा आदि अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Dinesh
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दीनेश वशिष्ठ एक अनुभवी और समर्पित पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी गहन समझ और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने पत्रकारिता में कई वर्षों का अनुभव अर्जित किया है। दीनेश की विशेषता उनकी गहरी शोध क्षमता और सत्य को उजागर करने की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है और उनके रिपोर्ट्स ने समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।

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