फिरोजाबाद: दाऊदयाल इंटर कॉलेज की शिक्षिकाओं को कॉलेज से किया बाहर

-प्रधानाचार्या व प्रबंधन के विरुद्ध धरने पर बैठीं शिक्षिकाऐं, लगाया मनमानी का आरोप

फिरोजाबाद। शहर के दाऊदयाल गल्र्स इंटर कॉलेज में शिक्षण कार्य कर रहीं। दो शिक्षिकाओं को कॉलेज प्रबंधन व प्रधानाचार्या ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे नाराज होकर शिक्षिकाएं कॉलेज गेट पर ही धरने पर बैठ गईं। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन व प्रधानाचार्या पर मनमानी का आरोप लगाया है।

दाऊदयाल संस्था द्वारा कभी दाऊदयाल बाल मंदिर का संचालन किया जाता था। जिसमें शिक्षिकाओं को भी रखा गया था। संस्था पदाधिकारियों ने बाल मंदिर के भवन को बेच दिया और वहां शिक्षण कार्य कराने वाली शिक्षिकाओं को इंटर कॉलेज में समायोजित करा दिया। दो अप्रैल को शिक्षिका शालिनी गोयल और कंचन गुप्ता को विद्यालय से जरूरत न कहने की बात कहते हुए नौकरी से निकाल दिया। शनिवार को दोनों शिक्षिकाएं बात करने के लिए विद्यालय पहुंची। जहां उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर शिक्षिकाएं कॉलेज के गेट पर ही धरने पर बैठ गईं।

शिक्षिकाओं ने बताया कि वह वर्ष 1996 से विद्यालय में शिक्षण कार्य करा रही हैं। वर्ष 2005-06 में उन्हें इंटर कॉलेज में समायोजित कर दिया गया था। अब उन्हें बिना कोई जानकारी दिए नौकरी से बाहर कर दिया। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन व प्रधानाचार्या पर मनमानी का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उनके साथ ही कॉलेज प्रबंधन ने एक शिक्षिका शीला अरोरा को भी बाहर निकाल दिया है।

विद्यालय प्रबंधक मयंक शर्मा का कहना है कि प्रधानाचार्या अंजुमा रियाज और शिक्षिकाओं के बीच कोई बात हुई होगी। जिसकी वजह से शिक्षिकाएं नाराज होकर धरने पर बैठ गई थीं।मामला जैसे ही मेरे संज्ञान में आया, मैं मौके पर पहुंचा और शिक्षिकाओं को कॉलेज के अंदर लेकर गया। उन्हें समझाया गया है। सेवानिवृत होने पर शिक्षिकाओं को विद्यालय न आने के लिए कहा गया था। प्रधानाचार्या के अवकाश पर होने के कारण सोमवार को इस विषय पर बैठकर बात की जाएगी और समस्या का समाधान किया जाएगा। वहीं जानकारी होने पर हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों ने पहुंचकर शिक्षिकाओं को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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