सिरसागंज: विज्ञान भारती का मनाया गया 34 वां स्थापना दिवस

सिरसागंज। विज्ञान भारती का स्थापना दिवस समर्पण दिवस के रूप में एम डी जैन इंटर कॉलेज सिरसागंज में विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज कुमार जैन एवं विद्यार्थी विज्ञान मंथन ब्रज प्रांत के राज्य मीडिया समन्यवक अश्वनी कुमार जैन के संयोजन में मनाया गया।

नीरज कुमार जैन ने बताया कि विज्ञान भारती की शुरुआत स्वदेशी विज्ञान आंदोलन के रुप में आई आई एस सी बेंगलुरु से हुई थी। अश्वनी कुमार जैन ने बताया कि विज्ञान भारती की स्थापना 21 अक्तूबर 1991 को हुई। इसके मुख्य उद्देश्य भौतिक शास्त्रों और अध्यात्मिक शास्त्रों का परस्पर सुसंवादी संयोग वृद्विंगत करना, स्वदेशी भाव जागृत करने वाला सच्चा विज्ञान-आंदोलन खड़ा करना। जिसके द्वारा राष्ट्र का विकास हो सके।

आयुर्वेद, सिद्व आयुर्वेद, वास्तुविद्या, योग इत्यादि एतद्देशीय शास्त्रों के विकास के लिये आंदोलन खड़ा करना, प्राचीन भारत की उपलब्धियों को खोजना तथा आधुनिक विज्ञान के साथ उसका मेल जोड़ना, जिससे कि भारत को विज्ञान क्या है, भारत की वैज्ञानिक परंपरा को शिक्षाविदों द्वारा विद्यालयीन पुस्तकों मे समाविष्ट कराना। जनप्रिय, व्यवसायी तथा अनुसंधान स्तर के कार्यकलापों के लिये और शिक्षा प्रदान करने के लिये भी भारतीय भाषायें कम योग्य नही है, इसको प्रदर्शित करना, सभी राष्ट्रीय भाषाओं मे भारतीय वैज्ञानिकों के जीवन तथा कार्य के संबंध में पुस्तकें प्रकाशित करना, विज्ञान संबंधी विचार गोष्ठीयों को प्रादेशिक भाषाओं मे संचालित तथा प्रचारित करना आदि हैं।

इस अवसर पर विज्ञान भारती के आजीवन सदस्य संजय कटारा, राजकुमार, अंजय जैन, शैलेंद्र जैन, सतवीर सिंह, धीरज जैन, सत्यपाल सिंह, निशान्त जैन, प्रशान्त जैन, दुर्गेश नंदन श्रीवास्तव, शिवकुमार सिंह, अमित जैन, हरिशंकर, रामगोपाल शाक्य, मनोज जैन, राजीव जैन, अमित कुमार जैन, सुनील जैन, निर्भय जैन, परेश जैन, विपुल जैन आदि उपस्थित रहे। इसी के साथ विज्ञान भारती के आयाम शक्ति की जिला समन्वयक पूनम जैन ने भी विज्ञान भारती के स्थापना दिवस पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

 

praveen upadhyay
praveen upadhyay

शालू एक उत्साही और समर्पित पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी ताजगी और नवाचार के लिए पहचानी जाती हैं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी और संवेदनशील रिपोर्टिंग की है। शालू की लेखनी की विशेषता उनकी संवेदनशील दृष्टिकोण और सटीक तथ्यों की प्रस्तुति है, जो पाठकों को घटनाओं की वास्तविकता से रूबरू कराती है।

Articles: 1359