बापू व शास्त्री की जयंती पर शिक्षण संस्थानों में आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

-महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के बच्चो ने देश भक्ति गीतों पर दी प्रस्तुतियां

फिरोजाबाद। सुहागनगरी के शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई। इस अवसर शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिसमें छात्र-छात्राओं ने देश भक्ति गीतों पर शानदार प्रस्तुतियां दी।

रविवार को स्टेशन रोड स्थित महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रबंध समिति सदस्यों, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों द्वारा ध्वजारोहण व महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया।

कार्यक्रम का आगाज एमजीईएम जू.हा.स्कूल के छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर किया। इसके बाद छात्राओं ने आज है दो अक्टूबर का दिन, माटी कहे प्रकारे आजा रे बापू आजा पर शानदार भजन प्रस्तुत किये। एमजी शिशं मंदिर सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु, एमजी इंटर काॅलेज जय जयकार स्वामी देना साथ हमारा आदि गीतों पर शानदार प्रस्तुती दी।

बच्चों की एक से एक शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देख दर्शक मंत्र मुग्ध हो गये। एम.जी. इग्लिश मीडियम जू.हा. के प्रबंधक राजेन्द्र बाबू राजा ने सभी अतिथियो व आगुंतको आभार प्रकट किया। कार्यक्रम महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान की सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य, प्रबंधक व शिक्षक-शिक्षिकाऐं मौजूद रहे।

वहीं दाऊदयाल महिला महाविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं द्वारा रघुपति राघव राजा राम पर प्रस्तुती दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रेनू वर्मा, प्रो. प्रीति अग्रवाल, प्रो. रंजना राजपूत, प्रो. प्रेमलता, डा. अंजू गोयल, डा. शमा बी, डा. शालिनी सिंह, डा. निधि गुप्ता, डा. ममता अग्रवाल, नीतू सिंह, विनीता सिंह, आराधना अग्रवाल, शालिनी गुप्ता, किरन सिंह, सौरभ शर्मा एवं प्रगति दुबे सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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