फिरोजाबाद: बालयोगी आचार्य अमित सागर महाराज का नगर में हुआ मंगल प्रवेश

फिरोजाबाद। प्रज्ञा श्रमण बालयोगी आचार्य अमित सागर महाराज का नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। जगह-जगह आचार्य श्री का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। बिहार मार्ग गुरुदेव के जयकारों से गूंजयामन हो रहा था।

मंगलवार को प्रातः 6 बजे बालयोगी आचार्य अमित सागर महाराज ने आईवे इंटरनेशनल स्कूल से अपने सेंकड़ों गुरुभक्तों के साथ नगर की और पद बिहार किया। आचार्य श्री आसफबाद होते हुए थाना रसूलपुर पहंुंचे। जहां पर पहले से अनेकों श्रद्धांलुओं ने उनकी अगुवानी की। आचार्य श्री के बिहार में सबसे आगे चल रही जैन ध्वजा आचार्य श्री के नगर आगमन का संकेत दे रहे थे। उनके पीछे डांडिया नृत्य करती हुई बालिकायें चल रही थीं। आचार्य श्री एवं उनके सेंकड़ों गुरुभक्त बेंड बाजों के साथ चल रहे थे।

आचार्य श्री रसूलपुर थाने से घंटाघर, सदर बाजार, मोहल्ला गंज, डाकखाना चैराहा, होते हुए शीतलनाथ दिगम्बर जैन मंदिर नासिया जी पहुंचे। जहां पहले उपस्थित आचार्य आदित्य सागर महाराज ने उनकी अगुवानी की। दोनों आचार्यों का वात्सल्य मिलन देख वहाँ उपस्थिति हजारों श्रद्धालु स्वयं को जयकारा लगाने से रोक नहीं पाए। मंदिर प्रांगण पहुँच कर दोनों आचार्यों ने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। मार्ग में जैन युवा संघर्ष समिति, तरुण क्रांति मंच, भारतीय जैन मिलन, श्री दिगम्बर जैन वीर मण्डल, मुनि सेवा संघ एवं समस्त महिला मण्डल ने आचार्य श्री के पाँव पखारे एवं आरती की। मीडिया प्रभारी आदीश जैन ने बताया कि आचार्य श्री नासिया जी मंदिर में ही प्रवास करेंगे।

इस दौरान अरुण जैन पीली कोठी, चंद्र प्रकाश जैन, ललितेश जैन, सोनू जैन, संभव प्रकाश जैन, नीतेश अग्रवाल जैन, प्रिंस जैन, सुविधि जैन, प्रवीण जैन, मोहित गर्ग जैन, महेंद्र जैन, प्रदीप जैन पी पी, राज कुमार यादव, ललित जैन सोल्टी, नितिन जैन, सिद्दार्थ जैन, पिंटू जैन, पारस जैन, राहुल जैन, विनोद जैन, बीनू जैन, आदि सेंकड़ों गुरुभक्त साथ चल रहे थे।

Ravi
Ravi

रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

Articles: 2254