फिरोजाबाद: सांसारिक सुख से कहीं अधिक परमार्थ सुख पाने का करना चाहिए प्रयास-आदित्य सागरा महाराज

फिरोजाबाद। नई बस्ती जैन मंदिर में आचार्य आदित्य सागर महाराज ने प्रातः धर्मसभा में साधु और श्रावक के आवश्यक कर्त्तव्य बताये। उन्होंने कहा कि यदि श्रावक उच्च कुल एवं अन्य सुख पाना चाहता है। तो उसे सदैव ईश्वर एवं निर्ग्रन्थ दिगम्बर साधु को नमस्कार कर उनकी सेवा में तत्पर रहना चाहिए। हमें सांसारिक सुख से कहीं अधिक परमार्थ सुख पाने का प्रयास करना चाहिए, यही हमारे मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करेगा।

आचार्य निर्भय सागर महाराज के शिष्य मुनि गुरुदत्त सागर महाराज का रविवार को नई बस्ती मंदिर में प्रवेश हुआ। उन्होंने धर्मसभा में कहा कि यदि साधु आपके नगर में आये है, तो ये परम सौभाग्य है। हमें गुरु की सेवा का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहिये। वर्तमान में दिगंबर साधु साक्षात तीर्थ के समान हैं।

धर्मसभा का संचालन राहुल जैन इसौली ने किया। मंगलाचरण सोनम जैन, स्तुति जैन ने किया। धर्मसभा में अध्यक्ष सुकमाल जैन, डॉ. मुकेश जैन, अमित जैन सोनू, डाॅ अभिषेक जैन, गौरव जैन, अजय जैन बजाज, राज जैन आदि मौजूद रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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