फिरोजाबाद: घटयात्रा के साथ पंचकल्यानक महोत्सव का हुआ शुभारम्भ

फिरोजाबाद। वीरोदय तीर्थ हिरनगांव मे भगवान महावीर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव शुक्रवार को परमपूज्य आचार्य सौभाग्य सागर एवं आचार्य सुरत्न सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में शुभारम्भ हुआ। प्रतिष्ठाचार्य सतीश जैन शास्त्री, सह प्रतिष्ठाचार्य मुकेश कुमार जैन अम्बाह एवं प्रदीप जैन शास्त्री ने विधि विधान से पंचकल्यानक महोत्सव का प्रारम्भ कराया।

शुक्रवार को सुबह 8 बजे भव्य घट यात्रा बैंड-बाजों के साथ स्टेशन रोड होते हुए नवनिर्मित मंदिर प्रांगण में पहुंची। घटयात्रा मे 101 महिला श्रद्धालु सिर पर कलश धारण कर चल रही थी। सैकड़ों श्रद्धालु अपने आचार्य संघ के साथ पैदल चल रहे थे। जहां पर नित्य नियम पूजा अभिषेक के पश्चात् इंद्र स्वरुप पुरुष श्रद्धांलुओं ने देव आज्ञा एवं गुरु आज्ञा के पश्चात् कार्यक्रम का प्रारम्भ किया। मुख्य अतिथि विनोद जैन मिलेनियम ने धर्म ध्वजा को फहराया।

पांडाल का उदघाटन महावीर जैन मुन्ना बाबू एवं मंच का उद्घाटन गोकुल चंद्र जैन दिल्ली वालों ने किया। भगवान महावीर के चित्र का अनावरण अनिल जैन, राजेश जैन, एवं विवेक जैन (दिल्ली) तथा दीप प्रज्वलित महावीर प्रसाद जैन, सुरेश चंद्र जैन दिल्ली वालों ने किया। शास्त्री द्वारा संकलिकरण की क्रिया के पश्चात् मंडप की प्रतिष्ठा कराई गई।

मीडिया प्रभारी आदीश जैन ने बताया कि 27 मई दिन शनिवार को महोत्सव मे प्रातः यज्ञमण्डल विधान एवं शाम को तीर्थंकर के माता-पिता दिल्ली से पधारे अशोक कुमार जैन एवं मीना जैन का राज दरबार लगेगा।

कार्यक्रम में आशीष कुमार, कृष्णनेंद्र कुमार, अनिल जैन विनोद जैन दिल्ली, अरुण जैन पीली कोठी, संभव प्रकाश जैन राहुल जैन, अतुल जैन, अंशुल जैन, रोकी जैन, सुविधि जैन, संभव जैन, महेश यादव, संजीव जैन एडवोकेट, मनोज जैन दद्दा, नितिन जैन, निमिष जैन, शैलेन्द्र जैन, आदि अनेकों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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