फिरोजाबाद: सुसंस्कृत जीवन ही जीवन में सुगंध बहा सकता है-स्वामी सत्यानंद

फिरोजाबाद। अखिल भारतीय सोहम महामंडल शाखा के तत्त्वावधान में चल रहे संत सम्मेलन में स्वामी सत्यानन्द महाराज ने कहा कि अपना जीवन पवित्र बनाएं। इसके लिए जीवन में पवित्र आहार विहार, उचित रहन सहन और शुद्ध विचार रखने होंगे। उसके लिए प्रारम्भ से ही पवित्रता की नींव रखी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सुसंस्कृत जीवन ही जीवन में सुगंध बहा सकता है। तभी जीवन में आचरण पवित्र हो सकते हैं। तभी तो कहा गया है ’आचारो परमो धर्म’ और विपरीत आचरण वाले की सद्गति नहीं हो सकती। कहा भी है ’आचारहीनं न पुनन्ति वेदारू’ अर्थात आचरण रहित व्यक्ति को वेद भी पवित्र नहीं कर सकते हैं। इसलिए प्रयास करके श्रेष्ठ जीवन बनाने का प्रयास करना चाहिए। ’मातृदेवो भव, पितृदेवो भव, आचार्य देवो भव, सत्यं वद या धर्मं चर’ आदि के भाव जागृत होने चाहिए, इसका प्रयास करना जरूरी है। इसके साथ ही जगत की सच्चाई को भी स्वीकार करते हुए परमार्थ के पथ पर अग्रसर होना चाहिए।

स्वामी शुकदेवानंद ने कहां कि मानव जीवन का परम उद्देश्य आत्मा परमात्मा की एकता है। हमें अपने स्वरूप को पहचानने की कोशिश करनी चाहिए। स्वामी ज्ञानानंद ने रामकथा द्वारा राम के आदर्शो को प्रस्तुत किया। स्वामी अनंतानंद ने कर्मो के विषय में चर्चा की। स्वामी प्रणवानंद ने संतों की सानिध्य की आवश्यकता पर बल दिया। स्वामी निगमानंद ने गीता की महत्ता पर प्रकाश डाला। स्वामी नारायणानंद ने मंच संचालन किया। अरुणस्वरूप आदि ने भी श्रोताओं को अपने वक्तव्यों से मार्ग दर्शन दिया।

इससे पूर्व श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास पंडित राम गोपाल शास्त्री ने राम अवतार एवं भगवान कृष्ण की जन्म कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि राम ने क्षत्रिय रघुवंशी कुल में जन्म लेकर शबरी के झूठे बेर खाने एवं केवट को गले लगाया और ऋषियों को गले लगाया। इसी प्रकार भगवान कृष्ण ने कंस की जेल में देवकी के गर्भ से लेकर वासुदेव द्वारा उन्हें आधी रात गोकुल ले जाकर माता यशोदा के भवन में पहुंचा कर बृजवासियों की रक्षा की।

उन्होंने कहा कि जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ जाता है, तो भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने स्वयं पृथ्वी पर प्रकट होकर धर्म की एवं भक्तों की रक्षा करने आते हैं। कथा पंडाल में कृष्ण जन्म की जीवंत झांकी देखकर श्रद्धालु गदगद हो गए। पूरा कथा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल के उद्बघोषांे से गूंजायमान हो गया।

praveen upadhyay
praveen upadhyay

शालू एक उत्साही और समर्पित पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी ताजगी और नवाचार के लिए पहचानी जाती हैं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी और संवेदनशील रिपोर्टिंग की है। शालू की लेखनी की विशेषता उनकी संवेदनशील दृष्टिकोण और सटीक तथ्यों की प्रस्तुति है, जो पाठकों को घटनाओं की वास्तविकता से रूबरू कराती है।

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