फिरोजाबाद: संस्कृति उत्सव में जनपद की छात्राओं ने किया प्रतिभाग

फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक परंपरा प्राचीन काल से ही धर्म, दर्शन, कला, साहित्य एवं संगीत के क्षेत्र में भारत में ही नहीं अपित संपूर्ण विश्व में अग्रणी रही है। इसी समरक्षाली विरासत का संरक्षण व संवर्धन करने एवं जनपद की प्रतिभाओं को खोज कर उनकी विभिन्न विधाओं को आम जनमानस को परिचित कराने के उद्देश्य से शनिवार को नगर के पालीवाल हाल में संस्कृति उत्सव 2023 जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 65 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ बीएसए आशीष कुमार पांडे, जिला सूचना अधिकारी दयाशंकर, संस्कार भारती के महानगर अध्यक्ष प्रवीन अग्रवाल सेवासदन, महामंत्री प्रवीन अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजक शिवकांत पलिया, सोनम सेठ, उद्देश्य तिवारी ने संयुक्त रूप से माॅ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम का आगाज स्कूली छात्राओं ने सरस्वती वंदना से किया। कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आए 65 प्रतिभागियों ने एकल गायन, सामुहिक गायन, वादन, नृत्य आदि विधाओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर लोगों का मनमोह लिया। प्रतियोगिता में जज की भूमिका का निर्वाह रेवती देवी इण्टर काॅलेज की प्रधानाचार्या डाॅ सोनम सेठ व पीडी जैन इण्टर कालेज के प्रवक्ता तेजवंत ने किया।

जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय प्रतिभागी का चयन किया गया। जो कि मण्डल व प्रदेश स्तर पर आयोजित संस्कृति उत्सव प्रतियोगिता में अपना प्रदर्शन कर जनपद का नाम रोशन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश शास्त्रीय एवं उप शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत तथा लोक नाट्य की विभिन्न विधाओं से अत्यन्त समृद्ध है।

इन परम्पराओं से जुड़े हुये कलाकार अधिकांशतया परम्परागत संगीत घरानों से शिक्षा प्राप्त करते है, लेकिन इसी के साथ ग्रामीण अंचलों में प्रचलित लोक संगीत की परम्परा भी अत्यन्त समृद्ध है। जिसके संरक्षण, संवर्धन एवं इन विधाओं से जुड़े हुये कलाकारों को मंच प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित करने की अत्यन्त आवश्यकता है।

कार्यक्रम में संजीव जैन, राकेश अग्रवाल, अनुग्रह गोपाल, बीना बंसल, कल्पना राजौरिया, रमेश चंद्र बंसल, कृष्णमुरारी अग्रवाल, सीपी सिंह, स्वीप की ब्रांड एंबेस्डर संध्या द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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