टूंडला: मनुष्य को अपने जीवन में नेक कर्म करना चाहिए-आचार्य निर्भय सागर’

टूंडला। वैज्ञानिक संत आचार्य निर्भयसागर महाराज ने आचार्य अमोघवर्ष महाराज के द्वारा रचित प्रश्नोत्तर रत्नमालिका की वाचना करते हुए कहा कि जीवन के अंत तक अपने जीवन में कुछ करके जाओ तो आपका जीवन सार्थक होगा।

इस संसार में भटकने का कारण घटिया कर्म है यह संसार द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव से पांच प्रकार का होता है। जिसका विद्वान पण्डित लोगों को त्याग तपस्या एवं रत्नत्रय धारण करके क्षेदन करते हैं। पण्डित की परिभाषा बताते हुए कहा जो शरीर और आत्मा का भेद विज्ञान करे वही पण्डित है। जीवन दिन रात की तरह है, सूर्य उदित होता है तो अस्त हो जाता है। जीवन ट्रैफिक लाइट की तरह थोड़ा इंतजार करो लाल लाइट से हरी लाइट हो जाती है।

सभा का प्रारंभ चित्र अनावरण, द्वीप प्रज्वलन करके किया एवं आचार्य निर्भयसागर महाराज के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य अनिल कुमार जैन सिकन्दर वाले एवं पद्म चन्द्र जैन ग्वालियर वालों को प्राप्त हुआ।

rajeev gotam
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राजीव गौतम एक वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी निष्पक्षता और गहन विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए मशहूर हैं। उन्होंने कई वर्षों तक विभिन्न प्रमुख समाचार संस्थानों के साथ काम किया है और अपनी बेहतरीन रिपोर्टिंग के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं। राजीव की रिपोर्टिंग में तथ्यों की सटीकता और घटनाओं की गहरी समझ झलकती है, जिससे पाठकों को विस्तृत और स्पष्ट जानकारी मिलती है।

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