फिरोजाबाद: प्रभु श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर निकलेगी भव्य रामेण दर्शन यात्रा

-आकर्षण का केंद्र रहेंगे रामायण पात्रों के स्वरूप
-100 से अधिक दिव्यांग्जन अपनी ट्राइसाइकिल सहित होंगे शामिल
-गोपालाश्रम पर होगी स्वरूपों की आरती, रामभक्त बनेंगे दर्शन यात्रा के साक्षी

फिरोजाबाद। प्रभु श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर भव्य रामेण दर्शन यात्रा दोपहर 12 बजे गाजे बाजे के साथ गांधी पार्क से निकलेगी। जिसमें रामायण के सभी पात्रों के स्वरूप शामिल रहेंगे। यह वक्तव्य रामेण दर्शन यात्रा के संयोजक राजेश झा और प्रभु श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समिति के संयोजक रामकुमार गुप्ता ने सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि भव्य रामेण दर्शन यात्रा 21 जनवरी दोपहर 12 बजे गांधी पार्क चैराहा से शुरू होगी, जो कि सेंट्रल चैराहा, काली मंदिर, बर्फखाना चैराहा, जलेसर रोड होते हुए गोपालाश्रम पर पहुंचेगी। जहां प्रभु श्रीराम, सीता माता, भाई लक्ष्मण एवं रामायण के अन्य पात्रों के स्वरूपों की आरती की जायेगी। इस भव्य दर्शन यात्रा की तैयारियों पूर्णता की ओर हैं, स्वयंसेवको के अतिरिक्त मातृ शक्ति भी टोली के रूप में जगह-जगह संपर्क कर जनजागरण का कार्य रही हैं। भव्य दर्शन यात्रा हेतु जगह-जगह स्वागत द्वार बनाएं जाएंगे। मार्ग में जगह-जगह रामायण के स्वरूपों पर पुष्पवर्षा की जायेगी।

भव्य दर्शन यात्रा में दिव्यांगजन भी बढ़चढकर हिस्सा लेंगे, जिसमे 100 से अधिक दिव्यांग जन अपनी ट्राइसाइकिल से सम्मिलित होंगे। स्कूल के बच्चे भी इस भव्य यात्रा में बड़ी संख्या में स्वरूपों के रूप में एवं दर्शकों के रूप में अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित रहेंगे। इस दौरान उदय गुप्ता, अमर वर्मा, ललित मोहन सक्सेना, दीपक गुप्ता कालू, सत्यवीर, विक्रांत शर्मा, विपुल शर्मा, दिलीप, निशा धाकरे, पूनम, निशा गुप्ता, अनुपम, मुन्नी देवी, अनुग्रह गोपाल आदि उपस्थित थे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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