फिरोजाबाद: भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव में गूंजे श्रीजी के जयकारें

-2623 दीपकों से भगवान महावीर की हुई महाआरती

फिरोजाबाद। भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रतिदिन धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हो रहें हैं। जिसमे सेंकड़ों श्रद्धालु धर्म लाभ ले रहें हैं।

भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव में दूसरे दिन प्रातः 108 स्वर्ण कलशों द्वारा इंद्र स्वरुप धारण किये श्रद्धांलुओं द्वारा श्रीजी का अभिषेक किया गया। तत्पश्चात् विधानाचार्य ऋषभ जैन शास्त्री के निर्देशन में संगीतमय भगवान महावीर विधान संपन्न हुआ। जिसमे श्रीजी के जयकारे गूंजते रहें। दोपहर में रत्नत्रय बालिका मंडल फरिहा के कलाकारों द्वारा राजा श्रेणीक के जीवन पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई।

उसके बाद महिला जैन मिलन द्वारा महिला सम्मलेन में भगवान महावीर के जीवन पर संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में अध्यक्षा शीतल जैन, सुधा जैन, ममता जैन ने मुख्य अतिथियों मेयर कामिनी राठौर, सीडीओ दीक्षा जैन, डॉ शिखा जैन, डॉ दीप्ती जैन का तिलक लगाकर एवं सॉल उढ़ा कर सम्मानित किया। दोपहर बाद महावीर पाठशाला के बच्चों द्वारा भरत बाहुबली की नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई।

शाम को महावीर संगठन द्वारा 2623 दीपकों द्वारा भगवान महावीर की संगीतमय महाआरती की गई। वहीं श्री दिगम्बर जैन युवा संघर्ष समिति द्वारा वयोवृद्ध सुभाष चंद्र जैन, निर्मल चंद्र जैन, सीमा जैन, शकुंतला देवी जैन को प्रशास्त्री पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता जितेंद्र जैन मुन्ना बाबू को समिति द्वारा सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में अनूप चंद्र जैन एडवोकेट, राकेश कुमार अग्रवाल, अशोक जैन, अनुज जैन तुलसी बिहार, ललित मोहन जैन रपरिया, राजेश जैन, सम्यक जैन डीडराइटर, सुशील कुमार जैन, संजय जैन पीआरओ, कुलदीप मित्तल जैन एड., विजय कुमार जैन एड, निर्मल कुमार जैन, विमल कुमार जैन, कमल कुमार जैन, अनुभव जैन, ऋषभ जैन, अमन जेन, मोहित जैन, मुकेश जैन रेमजा, प्रदीप जैन पीपी, आदि उपस्थित रहें।

 

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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