फिरोजाबाद: संस्कार भारतीय कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने का कर रही प्रयास-प्रमोद जी

-संस्कार भारती के ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण का हुआ शुभारम्भ

फिरोजाबाद। संस्कार भारती महानगर शाखा के तत्वाधान में ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन मायर पब्लिक स्कूल जलेसर रोड पर किया गया। शिविर में बच्चों को नृत्य, डाडिया, स्केटिम, गिटार, मार्शल आर्ट, मेंहदी आदि विद्याओं को प्रशिक्षण दिया जायेंगा।

ग्रीष्म कालीन शिविर का शुभारम्भ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक प्रमोद जी ने माॅ सरस्वती, भारत माता एवं संस्था के ब्रजप्रांत अध्यक्ष स्व त्रिलोकनाथ सेठी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर विभाग प्रचारक प्रमोद जी ने कहा कि आज हमारे बच्चे भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे है। संस्कार भारतीय इस प्रकार के सांस्कृतिक मंचीय कार्यक्रमों के द्वारा अपनी भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने का प्रयास कर रही है। इसके लिए वह साधूवाद के पात्र है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि हमको भी बच्चों में ज्ञान प्राप्त करने के लिए बच्चो से नित्य सुंदरकांड, हनुमान चालीसा एवं गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

संस्था के अध्यक्ष दयाशंकर गुप्ता ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रकार के शिविर संस्था द्वारा आगे भी चलते रहेंगे। कार्यक्रम संयोजक अनुग्रह गोपाल एवं दीपक गुप्ता कालू ने बताया कि शिविर में नृत्य, डाडिया, स्केटिम, गिटार, मार्शल आर्ट, मेंहदी इत्यादि विद्याओं का प्रशिक्षण आर्यन सर, मुस्कान गुप्ता, ऋषभ सर द्वारा प्रदान किया जायेगा। शिविर में प्रथम दिन 60 से अधिक बच्चों द्वारा पंजीकरण कराया गया है। प्रशिक्षण शिविर का समय प्रातः 7 से 11 बजे तक रहेगा।

कार्यक्रम का संचालन महामंत्री प्रवीन अग्रवाल एवं विद्यालय की संचालित रितु पलिया द्वारा किया गया। इस अवसर पर रमेश चंद्र बंसल, उद्देश्य तिवारी, शिवकांत पलिया, रवींद्र बंसल, कृष्णमुरारी अग्रवाल, शंकर गुप्ता, डाॅ अशोक शर्मा, मयंक सारस्वत, गुंजन शर्मा आदि मौजूद रहे।

 

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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