फिरोजाबाद: भगवान शांतिनाथ के स्मरण मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता-मुनि अमित सागर

फिरोजाबाद। नगर में चल रहे 16 दिवसीय शांतिनाथ विधान में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ शिकोहाबाद के साहित्यकार की दो कृतियों का विमोचन जैन मुनि अमित सागर महाराज ने किया। मंदिर प्रांगण भगवान शांतिनाथ की जयकारों से गूंजता रहा।

नगर के पीडी जैन स्थित नसिया जी मंदिर कोटला रोड पर जैन धर्म के 16 वें तीर्थकर भगवान शांतिनाथ का 16 दिवसीय शांति विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। रविवार को विधान में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। जैन आचार्य अमित सागर महाराज के सानिध्य में योग ध्यान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मंत्रोच्चारण के साथ भगवान शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांति धार की गई। भगवान पाश्र्वनाथ का पूजन किया। श्रद्वालुओं ने भक्ति संगीत के स्वरों के बीच नृत्य करते हुए भगवान के समक्ष अध्र्य समर्पित किये।

जैन आचार्य अमित सागर ने कहा कि भगवान शांतिनाथ का स्मरण करने से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। उन्होंने कहा कि विधान में भाग लेने से घर में सुख समृद्वि और शांति आती है। जिससे पूरा परिवार सुखी हो जाता है। शिकोहाबाद के साहित्यकार प्रकाश चंद्र जैन की लिखित पुस्तक कृष्ण रूक्मणी विवाह एवं नेमिनाथ वैराग्य और दूसरी पुस्तक अकलंक हिंदी का विमोचन जैन मुनि अमित सागर के समक्ष किया।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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