फिरोजाबाद: तप संयमी का सफल और सार्थक होता है-वसुनंदी महाराज

-आचार्य श्री ने पर्युषण पर्व के सातवे दिन उत्तम तप का महत्व बताया

फिरोजाबाद। महावीर जिनालय छदामीलाल जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में दसलक्षण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की पूजा अर्चना भक्तो ने की।

शनिवार को प्रातः श्री महावीर जिनालय में सैकड़ों भक्तो ने मंदिर में नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन किया। आचार्य श्री के मुखारविंदु से शांतिधारा का उच्चारण किया गया तो पूरा मंदिर प्रांगण मंत्रो से गुंजायमान हो उठा। इसके बाद चातुर्मास समिति ने छदामीलाल मंदिर ट्रस्ट से महावीर प्रसाद जैन ने आगामी 4 से 7 दिसंबर तक संपन्न होने वाले भगवान बाहुबली का लघु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा व महामस्तिकाभिक महोत्सव की जानकारी दी। साथ ही कार्यक्रम के पोस्टर का अनावरण भी किया। चातुर्मास समिति ने उनका पीट दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया।

आचार्य श्री ने कहा कि भगवान बाहुबली ऐसे भगवान है, जिन्होंने चक्रवर्ती को जीत कर सब कुछ त्याग दिया एवं दीक्षा ली। वे ऐसे अनुपम महापुरुष है जो एक वर्ष तक खड़े होकर तपस्या करते रहे। बिना आहार आदि लिए और केवल ज्ञान को प्राप्त किया। ऐसे भगवान बाहुबली के दर्शन मात्र से या नाम लेने मात्र से समस्त पापों का छय होता है। उत्तम सत्य के बारे में आचार्य श्री ने कहा कि जिस प्रकार धातुओं को स्वर्ण आदि को तपाकर शुद्ध किया जाता है। उसी प्रकार तप की अग्नि से आत्मा को भी शुद्ध किया जाता है। कर्मों का नाश करने के लिए जो तपाया जाता है शरीर को, मन को, आत्मा को वह तप है। आचार्य श्री ने आगे कहा कि क्रोध की अग्नि विवेक को जलाती है, लोभ की अग्नि व्यक्ति के जीवन में विद्यमान सर्व गुणों को नष्ट करती है, मोह की अग्नि समयक ज्ञान, चारित्र, तप, संयम, वैराग्य आदि गुणों को नष्ट करती है।

तप की अग्नि जीवन के चित्त में विद्यमान जितने विकार हैं जैसे राग, द्वेष, मोह, शोक, भय, वासना संबंधी विकारों को तप की अग्नि नष्ट कर देती है। संयम सहित व्यक्ति का तप सार्थक होता है असंयमी का नहीं। कार्यक्रम में संभव प्रकाश जैन, विनोद जैन, मुकेश जैन, अजय जैन, ललितेश जैन, अरुण जैन, हीरालाल जैन, निमिष जैन, शैली जैन, महेंद्र जैन, वर्षायोग समिति के मीडिया प्रभारी राज जैन तथा अजय जैन बजाज मौजूद रहे।

 

praveen upadhyay
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शालू एक उत्साही और समर्पित पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी ताजगी और नवाचार के लिए पहचानी जाती हैं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी और संवेदनशील रिपोर्टिंग की है। शालू की लेखनी की विशेषता उनकी संवेदनशील दृष्टिकोण और सटीक तथ्यों की प्रस्तुति है, जो पाठकों को घटनाओं की वास्तविकता से रूबरू कराती है।

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