फिरोजाबाद: ब्लड प्रेशर मरीज चीनी और नमक का कम करें सेवन-डाॅ राजीव राजपूत

-इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मनाया वर्ल्ड हाईपरटेंशन डे

फिरोजाबाद। शनिवार को वर्ल्ड हाईपरटेंशन डे का आयोजन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा होटल पैराडोर में किया गया। जिसमें सेमिनार के माध्यम से लोगों को विभिन्न बीमारियों से बचाव की जानकारी दी गई। सेमिनार में फिरोजाबाद के अलावा आगरा और दिल्ली से भी डाॅक्टर शामिल हुए।

अपोलो हॉस्पीटल दिल्ली से आए डॉ. राजीव राजपूत ने कहा कि ब्लड प्रेशर की समस्या अब आम बात हो गई है। इसमें जरा सी लापरवाही व्यक्ति की जान ले सकती है। ऐसे मरीज जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर रहता है। ऐसे लोग चीनी और नमक का कम सेवन किया करें। डॉ. डीके अग्रवाल ने कहा कि हार्ट अटैक भी ब्लड प्रेशर की बीमारी से हो रहा है। इसलिए अपने खान पान पर जरूर ध्यान दें। अधिक चिकनाई वाली खाने पीने की वस्तुओं से परहेज करें, नियमित व्यायाम करें। सीएमओ डा. रामबदन राम ने कहा कि हर व्यक्त् खाने में हरी सब्जियों और सलाद को अवश्य शामिल करे। नियमित योग और व्यायाम आवश्यक हैं। तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए अपने आप को व्यस्त रखें।

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. बलवीर सिंह ने कहा कि आज के समय में अधिकतर लोग हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह है कि आप बेवजह चिंताग्रस्त हो रहे हैं। दुकान या आफिस की टेंशन को घर पर लेकर मत जाइए। घर जाते समय हमेशा चेहरे पर मुस्काराहट रखें। सुबह या शाम कुछ समय परिवार वालों के साथ अवश्य बिताएं। नाश्ते में फलों को शामिल करें। आईएमएए अध्यक्ष डा. पूनम अग्रवाल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर सीएमएस डा. नवीन जैन, डॉ. शिखा जैन, डॉ. गरिमा, डॉ. राजीव अग्रवाल, डॉ. एसपीएस चैहान, डॉ. पंकज अग्रवाल, डॉ. प्रवीण गुप्ता, डॉ. सुशील गुप्ता, डॉ. पूनम, डॉ. रचना, डॉ. सारिका, डॉ. गौरव अग्रवाल, डॉ. राहुल जैन, डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. विनोद अग्रवाल, डॉ. जलज गुप्ता, डॉ. वरुण शर्मा, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. अनीस, डॉ. शोभित सिंह, डॉ. अविनाश, डॉ. रोहित, डॉ. अभय गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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