फिरोजाबाद: दस दिवसीय रानी दुर्गावती छात्र व्यक्तित्व विकास शिविर हुआ समापन

फिरोजाबाद। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दस दिवसीय रानी दुर्गावती छात्र व्यक्तित्व विकास शिविर का समापन सरस्वती शिशु मंदिर गौशाला में हुआ। जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा माॅ सरस्वती एवं युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। शिविर के समापन के अवसर छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार-चांद लगा दिए। इसके बाद आत्मरक्षा हेतु सीखी कला सभी के समक्ष प्रस्तुत किया।

शिविर में आत्मरक्षा, मेहंदी, सिलाई, नृत्य, ब्यूटीशियन आदि का प्रशिक्षण दिया गया। वहीं अतिथियों द्वारा प्रशिक्षण देने वाले रिया शर्मा, मधु सिंह, हेमा राठौर, दिव्या, शिवम शर्मा, नन्दिनी यादव के अलावा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कल्पना राजौरिया ने कहा विद्यार्थी परिषद द्वारा लगाए गए शिविर में हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। परिषद हमेशा समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम करता है, जिससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। महानगर मंत्री राज पलिया ने कहा कि शिविर के माध्यम से छात्राओ के अंदर छिपी हुई प्रतिभाओं को बाहर निकालने का काम किया जाता है।

इस दौरान महानगर अध्यक्ष डॉ पंकज कुमार मिश्रा, प्रांत सह मंत्री रजत जैन, महानगर संगठन मंत्री आकाश पाल, महानगर उपाध्यक्ष अमित वर्मा, मयंक रावत, गजेंद्र सिंह, सचिन शर्मा, निर्दोष यादव, आदर्श भारद्वाज, विभाग छात्रा प्रमुख महिमा अग्रवाल, जिला सह सयोंजक काजल गर्ग, कार्यक्रम सयोंजक सपना यादव, सह सयोजक शिवानी बघेल, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य मीनू शर्मा, आकाश शर्मा, रीनू शर्मा, रजनी, गौरी गर्ग, निक्की, राधा, रोहित कोहली, कार्तिक गुप्ता आदि मौजूद रहे।

 

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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