फिरोजाबाद: सरस्वती शिशु मंदिर के स्वर्ण जयंती समारोह में दिखी भारतीय संस्कृति की झलख

-पुरातन छात्राओं को किया सम्मानित

फिरोजाबाद। सरस्वती शिशु मंदिर का स्वर्ण जयंती समारोह हर्षोल्लाव व धूमधाम के साथ नगर के पालीवाल हाॅल में मनाया गया। कार्यक्रम में छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की अलख जगाई। वहीं पूर्व छात्र परिषद एवं सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा पुरातन छात्रों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ नगर विधायक मनीष असीजा, महापौर कामिनी राठौर एवं मुख्य वक्ता राहुल सिंद्वाल द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र के समझ दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इसके बाद छात्राओं ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। तनिष्का सक्सैना ने कत्थक नृत्य मेरे राम आए है पर मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुती दी। वहीं देश भक्ति पर आधारित माॅ तुझे सलाम प्रस्तुति लोगों के दिल का छू गई। वहीं गोपियों संग श्रीकृष्ण व राधा के महारास पर आधारित प्रस्तुति ने कार्यक्रम में चार-चांद लगा दिए।

इसके अलावा जनजागरण नाटिका, होली गीत, पुलावा अटैक आदि प्रस्तुतियां दी गई। वहीं ललित कला अकेडमी के कलाकार आकाश गुप्ता द्वारा भगवान राम का सुंदर चित्र बनाया गया। कार्यक्रम में स्मारिका अभयुदय का विमोदन सम्पादक देवव्रत पांडेय द्वारा किया गया। वहीं पूर्व छात्र परिषद द्वारा पुरातन छात्राओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हनुमान प्रसाद गर्ग एवं संचालन अनिल अग्रवाल व रामशरण पांडे।

 

कार्यक्रम में प्रवीन अग्रवाल सेवा सदन, अजय जिंदल, देवव्रत पांडेय, राकेश अग्रवाल नवरंग, सुनील पैंगोरिया, राधेश्याम यादव, डाॅ. मनोज जिंदल, पीके जिंदल, सुनील मोहन गुप्ता, शुभम गुप्ता, ललितेश जैन, नितिन गर्ग, विपुल बंसल, मनीष गर्ग, सुहेल अग्रवाल, नमन बंसल, गोविंद मित्तल, निखिल बंसल, सचिन मित्तल, धीरज अग्रवाल, राहुल गुप्ता, दीपक, उपजिलाधिकारी एके सिंह, बीएसए आशीश कुमार पाण्डेय, शिवेंद्र गौतम, हरवीर सिंह आदि मौजूद रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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